|डॉ. दांडेकर भोज के कुलगुरु, दिल्ली के स्कूलों में राष्ट्रीय नीति पाठ्यक्रम और चाय पर शोध|साहित्यिक पुरस्कार से लेकर मीडिया और शिक्षा जगत की ताज़ा हलचल|शिक्षा और मीडिया जगत की ताज़ा अपडेट्स: विश्वविद्यालय नियुक्तियाँ, स्कॉलरशिप और अवसर|शोधवृत्ति, भाषा सीखने के अवसर और शिक्षा, साहित्य और समाज की महत्वपूर्ण अपडेट्स|मध्यप्रदेश की बड़ी खबरें: आकाशवाणी उज्जैन से BU A+ तक, नेशनल अवॉर्ड और नए बदलाव|इग्नू में पहली महिला कुलपति समेत शिक्षा और रोजगार की प्रमुख अपडेट्स|पत्रकारिता और जनसंपर्क क्षेत्र में नए अवसर और बदलाव|मीडिया इंडस्ट्री में नौकरी, फिल्मोत्सव, पुरस्कार और संस्थागत बदलावों की प्रमुख खबरें|एमसीयू में 9 साल बाद पीएचडी की वापसी, पीआईबी में युवाओं को मिलेगा मौका|स्टूडेंट्स के लिए सोशल मीडिया में अवसर, संजीव पहुँचे शिमला|पत्रकारिता जगत में हलचल: PRSI चुनाव, गोयनका अवार्ड की घोषणा, मीडिया में तबादले और MCU में भर्ती|कुलपति चयन से लेकर मीडिया हाउस में बदलाव तक, शिक्षा और पत्रकारिता में हलचल|नियुक्तियाँ : कुलपति, परीक्षा नियंत्रक आवेदन और नाट्य विद्यालय में नए निदेशक|आकाशवाणी, पीआईबी से ख़बर|कुलपति के दावेदार के लिए खुशखबरी

डॉ. दांडेकर भोज के कुलगुरु, दिल्ली के स्कूलों में राष्ट्रीय नीति पाठ्यक्रम और चाय पर शोध

भोज विश्वविद्यालय को मिले कुलगुरु, ठाकरे विवि रायपुर प्रतीक्षा में

लंबे समय से कुलगुरु की राह ताकते भोज मुक्त विश्वविद्यालय को प्रो. मिलिंद दांडेकर कुलगुरु नियुक्त किया गया है। गोविन्दराम सक्सेरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान में इंजीनियरिंग विभाग में ज़रूरत डॉ. दांडेकर को गवर्नर ने कुलगुरु के रूप में नामांकित किया है। उधर छत्तीसगढ़ के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में कुलपति का पद लम्बे समय से रिक्त पड़ा है. बलदेव भाई का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद कुलपति पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था किन्तु थोड़े समय में इस विज्ञापन को निरस्त कर दिया गया. कार्यकारी कुलपति के रूप में कमिश्रर रायपुर संभाग को प्रभार दिया गया. कुलपति बनने की आस लगाये बैठे भोपाल से रायपुर तक लोगों को प्रतीक्षा ही है.

आईएफएम में मौका

भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भोपाल को विभिन्न विषयों के लिए सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक की जरूरत है। आईआईएफएम की विज्ञप्ति में 6 पदों के लिए सीधी भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन बुलाए गए हैं। आरक्षित पद, वेतनमान एवं योग्यता के लिए ऑफिशल वेबसाइट देखें।

डर की क्लास

एमसीयू प्रशासन क्लास में सौ परसेंट उपस्थिति के लिए स्टूडेंट्स के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। पिछले सत्र में सवा सौ से अधिक स्टूडेंट्स को परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया था. इस बार आंतरिक परीक्षा में कोई बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को रोके जाने की खबर एमसीयू के सूत्रों ने दी है. यह अनुशासन की दृष्टि से एक बेहतर पहल साबित हो रहा है। इसे और सख्त बनाने के लिए विभाग पर भी प्रशासन को लगाम कसने की जरूरत की बात हो रही है

भोपाल रेल मेट्रो को चाहिए पीआरओ

अक्टूबर में शुरू होने वाली मेट्रो टे्रन का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है. शायद नवंबर में कोई मौका आए लेकिन मौका उन लोगों के लिए जरूर है जो इस उपक्रम में पीआरओ बनना चाहते हैं. अपनी योग्यता जांचने और अन्य जरूरतोंं की जानकारी के लिए भोपाल रेल मेट्रो की वेबसाइट खंगाल लीजिए।

राष्ट्रीय नीति पाठ्यक्रम

आरएसएस का इतिहास, दर्शन और सामाजिक योगदान के साथ-साथ सुभाष चंद्र बोस और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताने दिल्ली सरकार स्कूल राष्ट्रीय नीति पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों में नागरिक जागरूकता, नैतिक शासन और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ाना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह पाठ्यक्रम आपदा राहत प्रयासों में आरएसएस की भागीदारी, जैसे रक्तदान अभियान, केदारनाथ और बिहार की बाढ़ के दौरान सहायता और कोविड-19 महामारी के दौरान दिए गए समर्थन को भी शामिल किया जाएगा।

चाय पर चर्चा ही नहीं, अब रिसर्च भी

चाय की किस्म, खुशबू और गुणवत्ता पर अब चर्चा से आगे जाकर इस पर विश्लेषण किया जाएगा। यह काम कौशल उन्नयन पाठ्यक्रम में सरकार ने जोड़ दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय चाय बोर्ड अब चाय साक्षरता को भी बढ़ावा देगा। देश में चाय पर चर्चा के बाद अब चाय पर शोध का यह नया अध्याय है।

पार्टटाइम पीएचडी करें

जेएस बोस यूनिवर्सिटी, हरियाणा मीडिया प्रोफेशनल्स को पार्ट टाइम पी-एचडी का मौका दे रहा है। आप भी अपने नाम के साथ डॉक्टर लगाना चाहते हैं तो जल्द ही अप्लाय कर दें. 21 अक्टूबर 2025 तक आवेदन लिए जाएंगे और अगले महीने 8 नवम्बर को एंट्रेंस एक्जाम होगा. और अधिक जानकारी चाहिए तो जेएस बोस यूनिवर्सिटी के वेबसाइट सर्च कर लें।

बातों ही बातों में

खबरें बनाना सिखाने वाले संस्थान की खबरें बनना शुरू हो जाए तो कान खड़े हो जाते हैं. विवादों में घिरी एक एचओडी के बारे में खबरें बनने और चलने लगी हैं। खबर है कि इससे नाराज विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही बड़ा फेरबदल कर ऐसी खबरों को रोकने की कोशिश करेगा. हालांकि एचओडी इन बातों को खारिज करती हुई बेफिक्र हैं. अब उनकी बेफिक्री रहेगी या प्रशासन सख्त होगा, ये तो वही जानें। अब ये बातें हैं बातों का क्या?